श्रीराम दूत पवनसुत हनुमान के स्मरण मात्र से संकटों का निवारण होता है। यदि शत्रु कमजोर करना हो या दुश्मन पर वियजश्री की अभिलाषा हो तो जपें यह सिर्फ यह मंत्र :
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