फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से फाल्गुन पूर्णिमा तक के अंतराल को होलाष्टक माना जाता है, जिसमे सभी शुभ कार्य वर्जित रहते है। इसीलिए पूर्णिमा के दिन होलिका-दहन किया जाता है।
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