आदिकाल से लक्ष्मी उपासना समाज के सभी वर्गों के द्वारा होती आई है। अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों पदार्थ मनुष्य के ध्येय रहे हैं। इनमें अर्थ को प्रथम इसलिए रखा गया है कि इसके बगैर बाकी तीनों पदार्थ प्राप्त करना संभव नहीं है।
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