भविष्य पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया या आखातीज पर किए जाने वाले कर्म अक्षय हो जाते हैं। वैशाख शुक्ल तृतीया को मनाए जाने वाले इस पर्व पर किए जाने वाले जप-तप, दान-पुण्य इत्यादि का फल अक्षय तथा अनंत होता है।
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