पौराणिक शास्त्रानुसार कोई भी व्यक्ति यदि अपने मूल कर्ज से निवृत्ति का उपाय नहीं करता है, तो उसे इस जीवन में अर्थ, उपकार, दया के रूप में किसी भी तरह का उधार लेना ही पड़ता है। इस उधार को उतारने के पश्चात ही मनुष्य लक्ष्मी को प्राप्त कर सकता है।
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