देवगुरु बृहस्पति (गुरु) धनु और मीन राशियों का स्वामी ग्रह है। सामान्यत: गुरु शुभ फल देता है किंतु पापी ग्रह यदि उसके साथ विराजमान हो जाए अथवा गुरु अपनी नीच राशि में स्थित हो तो यही गुरु जातक के लिए अनिष्टकारी हो जाता है अर्थात् अशुभ फल देने लगता है जिससे जातक आर्थिक, मानसिक, शारीरिक एवं पारिवारिक रूप से परेशान हो जाता है।
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