यदि किसी अविवाहित जातक को विवाह होने में बार-बार बाधाओं का सामना करना पड़ रहा हो तो नित्य प्रातः स्नान कर सात अंजली जलं 'विश्वावसु' गंधर्व को अर्पित करें और निम्न मंत्र का 108 बार मन ही मन जप करें।
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