भूत, प्रेम व ब्रह्म राक्षस इत्यादि हमारे आसपास ही रहते हैं तथा अल्प प्रयास से सिद्ध होते हैं। क्षेत्रपाल तथा भैरव भी हमारे नजदीकी वातावरण में रहते हैं। पितरों का भी एक लोक है तथा सबसे नजदीकी लोक यक्ष व यक्षिणियों का है। थोड़े प्रयास ही इन्हें ...
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